रायपुर, 18 सितंबर 2024: एग्रोस्किल सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ में किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत किसानों को जैविक खेती के माध्यम से काला चावल (ब्लैक राइस) की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह पहल छत्तीसगढ़ के कई गाँवों में लागू की जाएगी, जिसमें स्थानीय किसानों को विशेष रूप से जैविक खेती के तरीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
कृषकों को मिलेगा तकनीकी और वित्तीय सहयोग एग्रोस्किल एनजीओ के इस प्रयास के तहत किसानों को न केवल जैविक खेती की तकनीकी जानकारी प्रदान की जाएगी, बल्कि वित्तीय सहयोग और संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। संगठन का मानना है कि जैविक खेती न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाएगी।
काला चावल: एक लाभकारी विकल्प एग्रोस्किल के इस मिशन का मुख्य आकर्षण काला चावल है, जो अपनी उच्च पोषक गुणों के लिए जाना जाता है। यह फसल बाजार में उच्च मांग के साथ-साथ किसानों को अच्छा मुनाफा भी दे सकती है। काला चावल की खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
स्थानीय समुदाय का उत्साह परियोजना की शुरुआत के मौके पर गाँवों के किसानों में खासा उत्साह देखने को मिला। किसानों ने एनजीओ के इस कदम की सराहना की और जैविक खेती की ओर रुझान बढ़ाने के लिए एग्रोस्किल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। “हम जैविक खेती से अपनी भूमि की उर्वरता बनाए रख सकते हैं और साथ ही काला चावल की फसल हमें आर्थिक स्थिरता भी प्रदान करेगी,” एक स्थानीय किसान ने कहा।
एग्रोस्किल का लक्ष्य एग्रोस्किल एनजीओ के संस्थापक सूर्या जोशी ने कहा, “हमारा लक्ष्य छत्तीसगढ़ के किसानों को जैविक खेती में प्रशिक्षित करना और उन्हें एक स्थायी कृषि प्रणाली की ओर अग्रसर करना है। काला चावल की खेती से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।”
सरकार और अन्य संगठनों से सहयोग की अपेक्षा एग्रोस्किल एनजीओ ने राज्य सरकार और अन्य संस्थानों से भी सहयोग की अपेक्षा की है ताकि इस पहल को और भी व्यापक स्तर पर सफल बनाया जा सके। इस मिशन के तहत किसानों को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण और वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
उपसंहार एग्रोस्किल सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की इस पहल ने छत्तीसगढ़ के किसानों में एक नई उम्मीद जगाई है। जैविक खेती के माध्यम से वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं और काला चावल की उच्च मांग के कारण उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो सकती है।